भानगड का किला (Bhangad Fort) - Most Honted Place In INDIA
आज भी क्यों माना जाता है भानगढ़ किला हर किसी के लिए भूतिया, केवल शाम 6 बजे तक खुली रहती है ये जगह
भानगढ़ किले को भूतिया बताने के पीछे कई कहानियां हैं। वैज्ञानिकों ने इन भूतिया कहानियों को खारिज कर दिया है, लेकिन यहां के लोगों का कहना है कि यहां अजीब-अजीब सी घटनाएं होती रहती हैं।भानगढ़ का किला भारत के सबसे भूतिया स्थान के नाम से जाना जाता है और यह किला तभी शायद सबसे बड़ा अनसुलझा रहस्य बना हुआ है। रहस्यमय होने की वजह से यह जगह कई लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। यहां की भूतिया कहानियों के कारण काफी टूरिस्ट इसे अपनी ट्रैवलिंग लिस्ट में जरूर रखते हैं
इस जगह को लेकर कुछ जिज्ञासु यात्री यहां मौज-मस्ती करने आते हैं, तो कुछ निराश होकर लौट जाते हैं, तो कुछ इन कहानियों और रहस्य में डूब जाते हैं। अगर आप भी इन यात्रियों में एक हैं तो जल्दी से इस किले में घूमने का प्लान जरूर बनाएं।
अधिकांश लोगों का मानना है कि भानगढ़ किला भूतिया है और इसके अनेकों किस्से की वजह से लाखों लोग यहां घूमने की इच्छा रखते हैं। सूर्यास्त के बाद किले में प्रवेश करना बहादुरी और बेवकूफी का काम है, क्योंकि इसे पैरानॉर्मल एक्टिविटी का केंद्र माना जाता है। यही वजह है कि आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ने रात को यहां जाना बैन किया है।
स्थानीय लोगों की मनपसंद कहानी है लोकप्रिय सम्राट माधो सिंह की, जिन्होंने गुरु बालू नाथ की स्वीकृति प्राप्त करने के बाद शहर का निर्माण किया था, वे एक तपस्वी थे जिन्हें ध्यान में रहना बेहद पसंद था। संत ने अपनी स्वीकृति इस शर्त पर दी कि महल की छाया उनके प्रार्थना स्थल पर नहीं पड़नी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो महल तहस-नहस हो जाएगा।
जब महल का निर्माण पूरा हुआ, तो उसकी छाया संत के प्रार्थना स्थल पर पड़ गई और भानगढ़ उसी समय तहस नहस हो गया। संत के क्रोध को झेलने के बाद, भानगढ़ तुरंत एक शापित शहर में बदल गया और इसे फिर से नहीं बसाया जा सका, क्योंकि इसमें कोई भी संरचना कभी भी जीवित रहने में कामयाब नहीं हुई। हैरानी की बात तो यह है कि बालूनाथ का तपस्या स्थल अभी भी खंडहर अवस्था में देखा जा सकता है।
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